राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन

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जयपुर, 14 दिसम्बर। कृषि क्षेत्र में महिलाएं परंपरागत ढंग से जुताई, बीज बुवाई, फसल सिंचाई, निराई-गुड़ाई, खरपतवार और फसल कटाई जैसे अनेक कार्यों में अग्रिम भूमिका निभाती है। महिलाओं की इसी महती भूमिका को अधिक प्रभावशाली और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित होकर कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा 2022-23 के अनुसार राजस्थान कृषि श्रमिक संबल मिशन के तहत भूमिहीन कृषि श्रमिकों को कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण के लिए राज्य में 1 दिसम्बर 2022 से 15 जनवरी 2023 तक पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जा रहा हैं। जिससे न केवल कृषि में महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी बल्कि राज्य और देश की अर्थव्यवस्था में भी उनका योगदान बढ़ेगा।

352 पंचायत समितियों से 50 हजार भूमिहीन श्रमिक होंगे प्रशिक्षित, अब तक 15 हजार 210 महिला श्रमिक प्रशिक्षित

कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि मिशन के तहत भूमिहीन कृषि श्रमिकों को कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण के लिए राज्य की 352 पंचायत समितियों में एक हजार 667 प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से 50 हजार कृषि श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिसमें से अब तक विभिन्न पंचायत समितियों में 507 प्रशिक्षण शिविरों से 15 हजार 210 महिला श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जा चुका हैं।

इन विधाओं का दिया जा रहा प्रशिक्षण

श्री कानाराम ने बताया कि भूमिहीन कृषि श्रमिकों को प्रशिक्षण शिविर में 6 विधाओं का आवश्यकता के आधार पर प्रशिक्षित किया जा रहा हैं। जिसमे कृषि यंत्रों के उपयोग व संधारण (हस्तचलित एवं अर्द्धयांत्रिकी), उन्नत बागवानी तकनीक, संरक्षित संरचनाओं का संधारण, पॉली हाऊस, ग्रीन हाऊस, शेडनेट, पौध संरक्षण यंत्रों का उपयोग व रखरखाव, जैविक आदान निर्माण की वैज्ञानिक विधियां और फल व सब्जी परिरक्षण विषयों पर मौखिक एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं।

दो लाख भूमिहीन महिला कृषि श्रमिकों को दो चरणों मे दिए जाएंगे कृषि यंत्र

कृषि आयुक्त ने कहा कि इस मिशन के तहत प्रथम चरण में वर्ष 2022-23 में 50 हजार भूमिहीन महिला कृषि श्रमिकों को कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं साथ ही एक लाख भूमिहीन श्रमिकों को हस्तचालित कृषि यंत्र देकर लाभान्वित किया जाएगा। शेष श्रमिकों को द्वितीय चरण में वर्ष 2023-24 में प्रशिक्षण एवं कृषि यंत्र देकर लाभान्वित किया जाएगा।

इसी प्रकार मिशन के तहत बजट घोषणा वर्ष 2022-23 के अनुसार आगामी 2 वर्षो में एक लाख श्रमिकों को कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही कृषि कार्यों में भूमिहीन श्रमिकों के अहम योगदान को ध्यान में रखते हुए 2 लाख श्रमिकों को 5 हजार रुपये के प्रति परिवार को हस्तचालित कृषि यंत्र मुहैया करवाये जाएंगे। इसके लिए 100 करोड़ रुपये का अनुदान प्रस्तावित है।

पंचायत स्तर पर हो रहा चयन

श्री कानाराम ने बताया कि मिशन के तहत कृषि कार्यों में भूमिहीन महिला श्रमिकों को प्रशिक्षण एवं कृषि यंत्रों से लाभान्वित करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर समिति का गठन किया गया है। जिसमें ग्राम पंचायत के सरपंच, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी व कृषि पर्यवेक्षक द्वारा चयन किया गया हैं। समिति द्वारा 4 ग्राम पंचायतों से 30 कृषि श्रमिकों का चयन कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

लाभार्थियों का कहना है की

जयपुर जिले के ग्राम मण्डालीय मैदा की निवासी सीमा देवी ने बताया कि मिशन के तहत इस प्रशिक्षण शिविर में हमें खेतों में गुढा़ई-बुवाई, फसलों में किस समय पर पानी देना, खाद डालना जैसी अनेक विधियों की मौखिक जानकारी दी गयी और खेत में प्रायोगिक प्रशिक्षण की सहायता से समझाया, साथ ही कृषि विभाग की अनेक लाभकारी योजनाओं के बारे में भी बताया। वह बताती है कि इससे पहले खेतो में कार्य करने की उचित जानकारी नही रखती थी। लेकिन इस शिविर के माध्यम से अब वे खेतों में तकनीकी माध्यम से कृषि कार्य कर सकती है। इसके लिए वे मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हैं।

जयपुर जिले के ग्राम साफला निवासी पूजा देवी कहती है कि वे निजी कंपनी में धागा कटिंग के कार्य के साथ ही खेती कार्य से अपनी आजीविका चलाती हैं। उन्होंने बताया कि मिशन के तहत शिविर में खेती कार्यो की उचित एवं तकनीकी जानकारी लेकर अब वह नवीनतम विधाओं से खेती कार्य कर सकती हैं।