ये चौंकाने वाली बात आई सामने
दिल्ली के बाद जयपुर में किया नकल का प्रयास लेकिन दूसरे प्रयास में पकड़ा गया नकल गिरोह कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में नकल का मामला
जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) कांस्टेबल भर्ती गिरोह में नकल करवाने वाले गिरोह ने राज्य में नकल करवाने से पहले दिल्ली में हाथ आजमाया था, लेकिन परीक्षा करवाने वाली एजेंसी ने नकल गिरोह का साथ देने से इंकार कर दिया। इसकी वजह नकल गिरोह दूरी पर अपना सेंटर मांग रहा था साथ ही परीक्षाओं में नकल को लेकर दिल्ली पुलिस व सरकार ज्यादा सजग थी।
दिल्ली में परीक्षा में नकल करवाने की योजना में असफल रहने के बाद गिरोह के लोगों ने राज्य में अपना डेरा डाला और कांस्टेबल भर्ती परीक्षा करवाने वाली एप्टेक कम्पनी व परीक्षा सेंटर के संचालकों से सम्पर्क साधा। परीक्षा में नकल करवाने के लिए गिराेह से सारी तैयारी कर ली, लेकिन एक छाेटी सी चूक के कारण यह नकल गिराेह की पाेल खुल गर्इ ।
परीक्षा करवाने वाली कम्पनी पर भी इस मामले में गाज गिर सकती है। परीक्षा में नकल करवाने में गिरोह सफल होता उससे पहले ही पुलिस ने दबोच लिया। इस मामले में रिमांड पर चल रहे नौ आरोपियों को पुलिस आज कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगेगी। इस मामले एसओजी ने तीन दर्जन से अधिक लोगों को पकड़ा था जिसमें से दो दर्जन से अधिक लोगों को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है। एसआेजी लगातार इस गिरोह के सदस्यों से पूछताछ करने में जुटी है।
गौरतलब है कि 11 मार्च की रात एसओजी को सूचना मिली थी कि मालवीयनगर स्थित सरस्वती इंफोटेक के संचालक विकास, कपिल व मुख्तार गड़बड़ी कर रहे हैं। पुलिस मुख्यालय हैडक्वार्टर आईजी संजीब कुमार नार्जरी सेंटर पर पहुंचकर संचालकों व अन्य को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो हाईटेक नकल का गिरोह सामने आ गया। इस गिरोह के बाद पुलिस ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थी के अंगूठे का क्लोन बनाकर दूसरे व्यक्ति से परीक्षा दिलवाने के हाईटेक मामले में चौदह व सौलह मार्च को देवेन्द्र जाट, नरेेश प्रजापत, शिशुपाल जाट, नरेश जाट व जितेन्द्र सिंह जाट गिरफ्तार किया था।