राजस्थान सरकार ने बेरोजगारों को ठगा

प्रदेश में करोड़ों का खेल

शिक्षित व प्रशिक्षक युवा न्याय के लिए भटकने को मजबूर

राजसमंद/आईडाणा। विद्यालय सहायक भर्ती के नाम से सरकार ने बेरोजगारों की जेब ढीली कर अपना खजाना तो भर लिया। लेकिन, विज्ञप्ति निकालने के दो वर्ष 9 माह बाद भी भर्ती पूरी नही हुई। ऐसे में अभ्यर्थी चिंतित हैं कि कहीं इस भर्ती का हश्र भी शिक्षा सहायक भर्ती के जैसा नही हो जाए। राज्य सरकार ने प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में 33493 विद्यालय सहायक के पदों पर सीधी भर्ती के लिए 8 अगस्त 2015 को विज्ञप्ति जारी कर जिला केडर के अनुसार निर्धारित ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। इसमें 30522 पद नॉन टीएसपी एवं 2971 पद टीएसपी के लिए थे। भर्ती के लिए योग्यता सीनियर सैकण्डरी या समतुल्य परीक्षा उतीर्ण होना आवश्यक थी। विद्यालय सहायक भर्ती की आवेदन प्रक्रिया में 275 रुपए सामान्य वर्ग, 175 रुपए आरक्षित वर्ग एवं 75 रुपए निशक्तजन तथा बारां जिले की सहरिया जनजाति के आवेदन मेंं परीक्षा शुल्क वसूला गया था। भर्ती जिला स्तर पर होने से कई अभ्यर्थियों द्वारा 33 ही जिलों में आवेदन किया गया। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा 33 जिलों में आवेदन करने पर करीब दस हजार रुपए का भुगतान करना पड़ा। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियोंं द्वारा 33 जिलों में आवेदन करने पर सात हजार रुपए का भुगतान करना पड़ा। भर्ती में विद्यार्थी मित्र सहित अन्य सरकारी परियोजनाओं में लगे संविदा कार्मिकों को बोनस अंकों का लाभ मिलने वाला था।

नहीं लौटाया शुल्क

प्रमुख शासन सचिव पवन कुमार गोयल ने मार्च 2015 में प्रारम्भिक शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि शिक्षा सहायक भर्ती 2013 के नियम में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपरिहार्य कारणों से शिक्षा सहायक भर्ती 2013 को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर आवंटित पदों को प्रत्याहारित कर दिया। इसकी पालना में प्रारम्भिक शिक्षा विभाग बीकानेर ने 6 अप्रेल 2015 को आदेश जारी कर उपनिदेशक एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा सहायक भर्ती को निरस्त करने की सूचना दी। राज्य सरकार ने इसके स्थान पर प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में 33493 विद्यालय सहायक के पदों पर सीधी भर्ती के लिए 8 अगस्त 2015 को विज्ञप्ति जारी कर जिला केडर के अनुसार निर्धारित ऑनलाइन आवेदन पत्र मांगे है। इस भर्ती में शिक्षा सहायक भर्ती के आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों से शुल्क नहीं लिया गया। लेकिन, भर्ती में अनुभव की शर्त के कारण वे अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाए, जिन्होंने बिना अनुभव के भी शिक्षा सहायक भर्ती के लिए आवेदन किया था। वहीं अन्य भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों ने भी आवेदन नहीं किया था। ऐसे अभ्यर्थियों को विभाग की ओर से शुल्क नहीं लौटाया गया।

जिला कैडर की भर्ती में आवेदन अधिक

जिला केडर की सीधी भर्ती परीक्षा में आवेदन करने वालो की संख्या अधिक होती है। अभ्यर्थी अधिक सीटों के लालच एवं एक जिले की वरीयता सूची में नहीं आने के डर से एक से अधिक जिलों में आवेदन किया, जिससे सरकार को आवेदन शुल्क के नाम पर मोटी रकम मिली। जिला केडर की पटवारी एवं सचिव की सीधी भर्ती प्रतियोगिताओं में भी अभ्यर्थी अलग-अलग जिलो में आवेदन करते हैं एवं बाद में अभ्यर्थियों की संख्या एवं पदों के अनुसार परीक्षा के लिए जिले का विकल्प चयन करते हैं।

समायोजन के लिए निकाली थी भर्ती

राजकीय विद्यालयों में लम्बे समय तक संविदा पर सेवा देने वाले विद्यार्थी मित्रों को स्थायी करने के लिए सरकार ने पूर्व में मई 2013 में शिक्षा सहायक भर्ती निकाली। बोनस अंको पर कोर्ट के निर्णय को लेकर उक्त भर्ती को मार्च 2015 में निरस्त कर दिया।