बांसवाड़ा। निजी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं व्यवस्थाओं को लेकर सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने निजी स्कूल संचालकों को आरटीई (RTE) के तहत स्थायी मान्यता लेने के आदेश जारी किए हैं और ये मान्यता शिक्षा विभाग तभी देगा, जब स्कूलों में आरटीई के सभी मानक पूरे कर लिए हों।
यह मान्यता लेने के लिए निजी स्कूल संचालकों को डीईओ प्रारंभिक कार्यालय में आवश्यक सभी दस्तावेज पेश करने होंगे। निजी स्कूलों को भौतिक सत्यापन के बाद स्थायी मान्यता जारी की जाएगी। भौतिक सत्यापन में आरटीई के मानक पूरे होना नहीं पाया गया तो संबंधित स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। विदित रहे कि लंबे समय से सरकार की तमाम कोशिश के बाद अधिकांश स्कूलों में फीस के मुकाबले व्यवस्थाएं पर्याप्त नहीं हैं। प्रदेश में सत्र 2011-12 में आरटीई लागू हुआ तो सरकार ने निजी स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। इसके तहत सरकार ने निजी स्कूलों में आरटीई के तहत व्यवस्थाएं पूर्ण करने के लिए 3 साल का समय दिया था। इसके बावजूद अधिकांश स्कूलों में आरटीई के मानक पूरे नहीं हुए। परिणाम स्वरूप इसका असर शिक्षा पर पड़ा। अधिकांश निजी स्कूलों में फीस के मुकाबले बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पाई। ऐसे में बच्चों का शैक्षिक स्तर नहीं बढ़ पाया। इसे सरकार ने गंभीरता से लेते हुए गत दिनों शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूल संचालकों को स्कूलों स्थायी मान्यता दुबारा लेने के आदेश जारी किए। निजी संस्था प्रधानों को आरटीई के तहत स्थायी मान्यता लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज डीईओ कार्यालय में जमा कराने के निर्देश जारी किए हैं। सरकार की आेर से निजी स्कूलों के लिए जारी किए निर्देशों के बाद स्कूल संचालक भी अपनी व्यवस्थाएं पूरी करने में लग गए हैं। सरकार ने यह कार्रवाई निजी स्कूलों में बेहतर शिक्षा का माहौल बनाने के लिए किया है।
विभाग ने जारी किए आदेश, निजी स्कूलों को इसी सत्र में लेनी होगी स्थायी मान्यता, नहीं तो कार्रवाई तय
स्थाई मान्यता के लिए इंटर ब्लॉक का भौतिक सत्यापन
निजी स्कूलों का कोई स्थाई मान्यता जारी करने के लिए पहले उनका इंटर ब्लॉक भौतिक सत्यापन होगा। निरीक्षण दल का गठन ऑफ लाइन होगा। इन भौतिक सत्यापन दल की रिपोर्ट के आधार पर निजी स्कूलों की मान्यता जारी होगी। जिले के अधिकांश स्कूलों में आरटीई के नाॅर्म्स पूरे नहीं हैं। कई में प्रशिक्षित शिक्षक नहीं हैं तो कई में कमरे, वाहन आदि की व्यवस्था आरटीई के तहत पर्याप्त नहीं है। इन सब व्यवस्थाओं को अब जल्द ही पूरा नहीं किया तो भौतिक सत्यापन करने वाली टीम की रिपोर्ट पर उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।