राज्य के गैर अनुदानित शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थानों के लिए फीस निर्धारित

Education Shiksha Vibhag

उदयपुर। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन के अनुसार गठित राज्य स्तरीय शुल्क निर्धारण समिति की अनुशंसा पर राज्य के गैर अनुदानित शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थानों के लिए फीस निर्धारित (Scheduled) कर दी गई है। सत्र 18-19 में ये शुल्क ही लिया जा सकेगा। उच्च शिक्षा संयुक्त सचिव डॉ. राजेन्द्र जोशी के अनुसार तय शुल्क से अधिक राशि नहीं ले पाएंगे।

देनी होगी दुर्घटना बीमा की राशि

यह शुल्क वार्षिक देना हेगा। पूर्व के वर्षों में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों को सत्र 18-19 आगामी सत्रों के लिए वार्षिक शुल्क, प्रवेश शुल्क व कॉशन मनी मद की राशि को छोडकऱ शेष शुल्क संबंधित महाविद्यालय/ संस्था में जमा करवाना होगा। इन शुल्क के अतिरिक्त वरिष्ठ विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना के प्रीमियम की राशि अलग से देनी होगी।

ये होगा शुल्क

मद – बीएड/शिक्षाशास्त्री- एमएड/शिक्षा आचार्य -बीपीएड/एमपीएड- बीए-बीएड/बीएड एमएड/बीएससी-बीएड
शिक्षण शुल्क- 17880 -17880 -17880- 17880
विविध शुल्क –4440- 4440 -4440- 4440
कम्प्यूटर शुल्क-960 – 0- 0- 960
अन्य गतिविधियां 3600 – 0-0- 3600
योग 26880 -22320- 22320 -26880
(कम्प्यूटर शुल्क व अन्य गतिविधियों का शुल्क बीपीएड व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों पर लागू नहीं होगा)

शिक्षा की गुणवत्ता के लिए नवाचार अपनाएं

उदयपुर। शिक्षा में नवीनतम शोध एवं अनुसंधान के साथ-साथ नवाचारिक प्रयोग संबंधी योजनाएं बनाना जरूरी हो गया है। यह विचार शुक्रवार को सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय तथा अरावली शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, देबारी के तत्वावधान में ‘न्यू विजन ऑफ टीचर्स, एज्यूकेशन इश्यू एण्ड चेलेंजेज’ में प्रो.पी.आर. व्यास ने बतौर अध्यक्षीय उद्बोधन में कही। प्रो. डी.एन.दानी ने कहा कि शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता के लिए नवाचारों को अपनाएं। विशिष्ट अतिथि डॉ. सुरेन्द्र द्विवेदी, शिक्षा संकाय प्रमुख डॉ. अल्पना सिंह, प्राचार्या डॉ. जया चित्तौड़ा ने भी विचार व्यक्त किए।