सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में बेहतरी के लिए राज्य सरकार नया फण्डा लेकर आई है
उदयपुर। सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में बेहतरी के लिए राज्य सरकार नया फण्डा लेकर आई है। एसआईक्यूई अब हर स्कूल को प्रमाण-पत्र जारी करेगा कि वह स्कूल बच्चों के शैक्षिक स्तर के आधार पर पास है या फेल। इस योजना में राज्य के 2053 स्कूलों का चयन (Selection) किया गया है। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद (रमसा) की ओर से एसआईक्यूई की गतिविधियां वर्तमान में स्कूलों में चलाई जा रही हैं जिसे प्राथमिक स्तर के सतत् मूल्यांकन की तरह ही देखा जाता है। किसी बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए यह गतिविधि संचालित हो रही है।
182 स्कूल बने आधार
जिन 2053 स्कूलों का चयन किया गया है, उनमें से 615 स्कूलों की दो अप्रेल को जिला स्तरीय टीम ने समीक्षा की थी। इसमें से 182 स्कूल निर्धारित स्कोर 2.75 तक प्राप्त नहीं कर सके। केआरपी के अवलोकन में निर्धारित स्कोर 2.75 प्राप्त कर लिया गया, लेकिन जिला स्तरीय निरीक्षण में ये स्कूल विफल हो गए।
उदयपुर के 80 स्कूल चयनित
जिले के 80 स्कूलों का चयन किया गया है जिनमें से 77 स्कूलों को केआरपी ने देखा है। जबकि 61 स्कूलों में प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 32 स्कूलों को जिला शिक्षा अधिकारी व डाइट की ओर से देखा गया है।
सर्वाधिक बाड़मेर, न्यूनतम डूंगरपुर के
सर्वाधिक चयनित 101 स्कूल बाड़मेर के है, जबकि सबसे कम 19 स्कूल डूंगरपुर जिले के हैं। संभाग में उदयपुर के 80, बांसवाड़ा के 68, चित्तौडगढ़़ 74, प्रतापगढ़ 48 और राजसमन्द के 58 स्कूल चयनित किए गए हैं।
गतिविधियां स्कूलों में जारी हैं। नियमानुसार सभी स्कूलों को बच्चों की गुणवत्ता के आधार पर कार्य करना है। एसआईक्यूई प्रमाण पत्र से स्कूलों की दिशा और दशा तय होगी।
-नरेश डांगी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक