Shivira Panchang 2017-18 शिक्षा विभाग, राजस्थान पंचांगः 2017-2018
Shivira Panchang 2017-18 : राजस्थान की प्रारम्भिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा के समस्त राजकीय, मान्यता प्राप्त गैर सरकारी/CBSE/CISCE से सम्बद्ध विद्यालयों/अनाथ बच्चों हेतु सचांलित आवासीय विद्यालयों/ विशेष प्रशिक्षण शिविरों एवं शिक्षक प्रषिक्षण विद्यालयों के लिए सत्र 2017-2018 का यह शिविरा पचांग प्रस्तुत है। इसके अनुसार ही सत्रपर्यन्त विद्यालयी कार्यक्रम, अवकाश, परीक्षा, खेलकूद प्रतियोगिता आदि का आयोजन अनिवार्य है। किसी विषेश अवसर अथवा कार्यक्रम पर यदि किसी संस्था प्रधान को कोई परिवर्तन करने की आवष्यकता हो, तो वह परिवर्तन सम्बन्धी निवेदन अपने क्षेत्र के जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक/माध्यमिक) को प्रस्तुत करेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक/माध्यमिक) मांग के औचित्य की जांच करेंगे तथा उनकी अनुषंषा पर निदेशक, प्रारम्भिक/माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान, बीकानेर की स्वीकृति के बाद ही संस्था प्रधान द्वारा परिवर्तन किया जा सकेगा।
सामान्य निर्देश
- शिक्षण सत्रः 2017-18 दिनांक 01 मई, 2017 से आरम्भ है तथा सामान्य प्रवेश प्रक्रिया स्थानीय परीक्षा समाप्ति के तत्काल पश्चात दिनांक 26 अप्रेल, 2017 से आरम्भ हो चुकी है। कक्षा 5 के जिला स्तरीय प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन, कक्षा-8 व कक्षा-10 की बोर्ड परीक्षाओं में प्रविष्ट हुए विद्यार्थियों का अस्थाई प्रवेश परीक्षा के समाप्त होने के तत्काल पष्चात् दिया जाकर आगामी कक्षाओं का शिक्षण कार्य प्रारम्भ हो चुका है। ग्रीष्मावकाश उपरांत पुनः नियमित शिक्षण कार्य 19 जून, 2017 से आरम्भ है।
- प्रवेश की अंतिम तिथि 15 जुलाई, 2017 रहेगी। (माध्यमिक कक्षाओं हेतु)
- मध्यावधि अवकाश 09 अक्टूबर से 22 अक्टूबर, 2017 तक रहेगा।
- शीतकालीन अवकाश 25 दिसम्बर, 2017 से 06 जनवरी, 2018 तक रहेगा।
- ग्रीष्मावकाश 10 मई, 2018 से 18 जून, 2018 तक रहेगा।
- केन्द्र सरकार द्वारा समस्त राष्ट्र के लिए रेडियो/दूरदर्षन/समाचार पत्रों में घोषित अवकाश विद्यालयों में भी मान्य होंगे।
- यदि किसी कारणवश रेडियो/दूरदर्षन/लिखित आदेश द्वारा राज्य में कोई सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाये, तो वह भी विद्यालयों में मान्य होगा।
- यदि किसी वर्ग/कारण विषेश को आधार बनाकर या किसी विषेश दिन का सेक्षनल/रीजनल अवकाश/स्थानीय अवकाश सरकार द्वारा घोषित किया जाये तो वह अवकाश सभी विद्यालयों में लागू नहीं होगा।
- शिविरा पंचांग एवं राजस्थान सरकार के पंचांग में उल्लेखित समान अवकाश की तिथि में कोई विसंगति हो तो ऐसी स्थिति में राजस्थान सरकार के पंचांग की तिथि को सही मानते हुए इस पंचांग में वैसा ही संशोधन माना जाए।
- सत्रारम्भ एवं सत्रान्त की संस्था प्रधान वाक्पीठ का आयोजन शिविरा पचांग में निर्धारित तिथियों में ही करवाया जाना आवश्यक होगा। उक्त तिथियों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन निदेशक, प्रारम्भिक/ माध्यमिक शिक्षा की अनुमति बिना नहीं किया जा सकेगा।
11 . साप्ताहिक रूप से कक्षा 1 से 5 तक आयरन की पिंक गोली तथा कक्षा 6 से 12 के छात्र-छात्राओं को आयरन फोलिक एसिड की नीली (ब्ल्यू) गोली मध्यान्ह भोजन उपरान्त दी जाए।
प्रवेश
- कक्षा-1 में प्रवेश के समय राज्य सरकार द्वारा संशोधित प्रावधानानुसार विद्यार्थियों की आयु 5 वर्ष निर्धारित की गई है।
- राज्य सरकार प्रवेश प्रक्रिया हेतु कोई निश्चित तिथि का निर्धारण कर सकती है। “आर.टी.ई अध् िानियम – 2009” के अनुसार विद्यार्थी का विद्यालय में प्रवेश वर्ष पर्यन्त हो सकता है।
- राज्य कर्मचारी/माता-पिता/अभिभावक के स्थान परिवर्तन की स्थिति में स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र के आधार पर विद्यार्थी को मध्य सत्र में प्रवेश दिया जा सकेगा।
- यदि किसी परिस्थितिवश बोर्ड द्वारा रोके गए परीक्षा परिणाम विलम्ब से घोषित किये जाते हैं, तो विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम की घोषणा के सात दिवस के भीतर प्रवेश दिया जाए। प्रवेश के समय ही विद्यार्थियो को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करवाना सुनिश्चित किया जाए।
- सत्र: 2017-18 में ड्रॉप आऊट एवं अनामांकित बच्चों के लिए संचालित आवासीय/गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण शिविरों के बालक-बालिकाओं को मुख्य धारा में जोड़ना सुनिश्चित करें। संस्था प्रधान प्रति माह इनकी ट्रेकिंग कर सूचना सकंलित/प्रेषित करे।
- चाइल्ड ट्रेकिंग सर्वे में चिन्हित शेष रहे ड्रॉप आऊट एवं अनामांकित बालक-बालिकाओं के माता-पिता/अभिभावकों से सम्पर्क कर उनका आयु अनुरूप कक्षा में प्रवेश कराना, उनके विशेष प्रशिक्षण की आवष्यकता का आकलन करना एवं आवश्यकतानुसार संघनित पाठ्यक्रम के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था करना सुनिश्चित किया जाए।
- ड्रॉप आऊट एवं अनामांकित विशेष आवष्यकता वाले बालक-बालिकाओं को उनकी आयु के अनुरूप कक्षा में नामांकन पष्चात, विद्यालय में अध्ययनरत विशेष आवष्यकता वाले बालक-बालिकाओं का फंक्शनल असेसमेन्ट करवाया जाकर, पात्र बच्चों को सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत निःशुल्क अंग-उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे एवं होमबेस्ड एज्युकेशन से जोड़े गए बच्चों को उनकी आयु के अनुरूप कक्षा में प्रवेश सुनिश्चित किया जायेगा।
8 विद्यालयों में अध्ययनरत ऐसे विद्यार्थी, जिनके अभिभावक आजीविका कमाने हेतु पलायन करते हैं, इनकी पलायन अवधि के लिये माइग्रेटरी छात्रावास का संचालन किया जाएगा।
- कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय एवं मेवात बालिका आवासीय/वैकल्पिक शिक्षा प्रकोष्ठ के अन्तर्गत संचालित आवासीय विद्यालयों मे अनामांकित एवं ड्रॉप आऊट बालिकाओं को प्रवेश दिलवाया जाएगा। पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारियों की बैठक मंे चर्चा कर उनके सहयोग से परिक्षेत्र की पात्र बालिकाओं को उक्त विद्यालयों में प्रवेश करवाया जाए।
- कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय हेतु राजस्थान प्रारम्भिक शिक्षा परिषद कार्यालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप विद्यालय की कुल सीटों की 5 प्रतिशत सीटों पर विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं को प्रवेश दिया जाए।
- ग्रीष्मावकाश एवं शीतकालीन अवकाश के दौरान विभिन्न शिक्षक प्रशिक्षणों का आयोजन किया जाएगा।
प्रार्थना सभा
प्रार्थना सभा कार्यक्रम हेतु 30 मिनट का समय निर्धारित है, जिसमें की जाने वाली गतिविधियां – राष्ट्रगीत, प्रार्थना, योगाभ्यास, प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, समाचार वाचन, प्रतिज्ञा, राष्ट्रगान आदि हैं।
विद्यालय प्रबन्धन
विद्यालय की व्यवस्था एवं प्रबन्धन, विद्यालय प्रबन्धन समिति/विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (एस.एम.सी./ एस.डी.एम.सी.) द्वारा किया जाएगा। विद्यालय के सुचारु संचालन के लिए सर्व शिक्षा अभियान द्वारा निम्न सुविधाएं प्रदान की जाएगी:-
- एक मुष्त स्कूल ग्रान्ट, जिसमें दैनिक आवष्यकता की वस्तुएं जैसे चॉक, डस्टर, स्टेशनरी, परीक्षा सम्बन्धित कार्य, दरी पट्टी आदि क्रय की जा सकती है। इस राशि में से शौचालय/मूत्रालयों की साफ-सफाई हेतु प्रतिमाह 150 रू. का उपयोग कर इनका उपयुक्त रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए (केवल शहरी क्षेत्र के विद्यालयों के लिए)। जिला परियोजना समन्वयक (एस.एस.ए. / आर3 एम.एस.ए.) द्वारा समस्त ग्रामीण विद्यालयों को 500 रू. प्रति माह की दर से 5000 रूपए वार्षिक (10 माह हेतु) शौचालय/मूत्रालय, पेयजल सुविधा के रख रखाव तथा मध्याह्न भोजन से पूर्व साबुन से हाथ धोने की व्यवस्था एवं स्वच्छता हेतु स्वच्छता अनुदान राशि का वितरण प्रतिवर्ष किया जा रहा है।
- प्रत्येक विद्यार्थी की शाला स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वास्थ्य जाँच की जाए तथा रिकॉर्ड संधारित किया जाए।
कालांशवार समय विभाजन
प्रतिदिन 8 कालांश में से कालांशवार समय विभाजन चक्र में 6 कालांश 40 मिनट एवं अंतिम 2 कालांश 35 मिनट के होगे। प्रार्थना सभा एवं योगाभ्यास हेतु 30 मिनट का समय निर्धारित है। मध्यान्तर अवकाश 25 मिनट का होगा। विद्यार्थियों के शिक्षण हेतु कुल शाला समय 6 घंटे 5 मिनट होगा।
समय सारिणी
एक पारी विद्यालयों हेतु समय सारिणी निम्नानुसार होगी:
नोट- शैक्षिक गुणवत्ता के लिए मुख्य विषयों के लिए शिक्षण का कार्य यथासंभव प्रथम छः कालांश में निर्धारित किया जाए। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए सह-षैक्षिक गतिविधियों यथा-खेलकूद, वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण, निबन्ध-लेखन इत्यादि पर विशेष ध्यान दिया जाए।
- जहाँ तक संभव हो, समस्त विद्यालय एक पारी में चलाए जाएंगे। जो विद्यालय वर्तमान में दो पारी में चल रहे हैं तथा विद्यालय की परिस्थितिवश आगामी सत्र में भी दो पारी/ आंशिक दो पारी में संचालन आवश्यक है, उनके संस्था प्रधान औचित्यपूर्ण प्रस्ताव सम्बन्धित जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक/ माध्यमिक) को प्रस्तुत करेंगे तथा जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक/ माध्यमिक) परीक्षणोपरांत स्पष्ट अनुशंषा सहित जिले के समेकित प्रस्ताव मंडल उपनिदेशक को 15 जुलाई, 2017 तक प्रस्तुत करेंगे तथा मंडल उपनिदेशक सम्पूर्ण परिक्षेत्र के प्राप्त प्रस्तावों पर विभागीय निर्देशों के अनुरूप गुणावगुण के आधार पर 31 जुलाई, 2017 तक सकारण आदेश जारी कर निदेषालय (प्रारम्भिक/माध्यमिक) को अवगति प्रदान करेंगे।
- दो पारी में संचालित विद्यालयों का समय:-
दो पारी विद्यालय (माध्यमिक/उच्च माध्यमिक) के संस्था प्रधान का समय प्रातः 10:00 से सायं 5:00 बजे तक रहेगा। वे अपने स्तर पर स्वैच्छा से इसमें कोई भी परिवर्तन नहीं करेंगे।
- समस्त संस्था प्रधान विद्यालय प्रसारण कार्यक्रम के अनुसार छात्र-छात्राओं को शिक्षण का लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से अनिवार्यतः विद्यालय प्रसारण कार्यक्रम सुनवाने की व्यवस्था करेंगे। यह कार्यक्रम 1 जुलाई, 2017 से मार्च, 2018 तक स्थानीय वार्षिक परीक्षा आरम्भ होने के पूर्व तक दोपहर 2:40 बजे से 3:00 बजे तक कार्यक्रमानुसार प्रत्येक विद्यालयी कार्य दिवस को प्रसारित किया जाएगा।
- राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर तथा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर द्वारा प्रत्येक कक्षा हेतु पुस्तकालय कालांश का निर्धारण किया गया है। यह सुनिश्चित किया जाए की प्रत्येक विद्यार्थी पुस्तकालय की सुविधा से लाभन्वित हो, अतः रोटेशन के आधार पर प्रति सप्ताह प्रत्येक कक्षा हेतु पुस्तकालय कालांश का निर्धारण किया जाए।
- राजकीय माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों के भवनों में संचालित राजकीय माध्यमिक विद्यालय/माध्यमिक कक्षाएं एवं राजकीय प्राथमिक विद्यालय/प्राथमिक कक्षाएं निम्नांकित व्यवस्थानुसार संचालित की जाए:-
यदि एक ही शाला परिसर में दो विद्यालय संचालित हो तथा दो पारी में संचालन की स्वीकृति प्राप्त हो, तो माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रथम पारी में तथा प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालय द्वितीय पारी में संचालित होंगे। जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारम्भिक/माध्यमिक अपने स्तर पर इस व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं करेंगे। समन्वित विद्यालय, जो दो या दो अधिक परिसर में संचालित हैं, में समान स्तर की समस्त कक्षाएं एक ही समय में (समान पारी में) संचालित की जाएगी।
- 1 अप्रेल से 30 सितम्बर तक प्रातः 7:00 से सांय 6:00 बजे तक (प्रत्येक पारी 5.30 घंटे)
- 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक प्रातः 7:30 से सांय 5:30 बजे तक (प्रत्येक पारी 5.00 घंटे)
सह-शैक्षिक गतिविधियां
- समस्त सह-षैक्षिक गतिविधियों का आयोजन विभागीय निर्देशों के अनुरूप किया जाए।
- सभी राजकीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में चाईल्ड राईट्स क्लब, वन एवं पर्यावरण क्लब, विज्ञान क्लब एवं रोड सेफ्टी क्लब की स्थापना अनिवार्य रूप से की जाए तथा इनसे संबंधित गतिविधियों का संचालन आवश्यक रूप से किया जाए।
- विद्यालय में प्रत्येक शनिवार को बाल सभा का आयोजन किया जाए। बाल सभा में बच्चों को बाल संरक्षण से सम्बन्धित मुद्दों पर बाल चलचित्र, चित्रकला प्रतियोगिता, प्रस्तुतिकरण आदि के माध्यम से उनमें बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण के सम्बन्ध में जागरूकता उत्पन्न की जाए। इसी प्रकार बाल सभा एवं उत्सव आयोजन के अवसर पर स्कूल द्वारा स्थानीय क्षेत्र के सम्मानित व्यक्तियों, जो उसी विद्यालय से पढ़कर महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थापित है, को बुलाकर उनसे सम्बोधन कराया जाए। विद्यालय में बाल सभाओं व उत्सवों के आयोजन का रिकॉर्ड भी अनिवार्य रूप से संधारित किया जाए। विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं को सह-शैक्षिक गतिविधियों मे सम्मिलित किया जाए।
- माह के अन्तिम शनिवार को समस्त राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा एक कालांश में स्वैच्छिक श्रमदान किया जाएगा ।
- शनिवारीय कार्यक्रम के अन्तर्गत उपर्युक्तानुसार बाल सभा आयोजन हेतु प्रत्येक शनिवार को समस्त आठ कालांश में से पांच-पांच मिनट कम करते हुए अन्तिम कालांश पश्चात् बाल सभा का आयोजन किया जाना चाहिये, जिसमें निम्नांकित विवरणानुसार कार्यक्रम को भी सम्मिलित किया जाना सुनिश्चित् किया जाए
उपर्युक्त निर्देशित कार्यक्रम को आवश्यकतानुसार बाल सभा से पृथक् रूप से प्रार्थना सभा पश्चात् शून्य कालांश मे आयोजित किये जाने के विकल्प पर भी विचार किया जा सकता है।
- सभी विद्यालय वार्षिक उत्सव 30 नवम्बर, 2017 तक मनाएंगे। विद्यालयों को अपनी प्रतियोगिताएं/ एस.यू.पी.डब्ल्यू. शिविर/वार्षिक उत्सव सहित अन्य गतिविधियां यथा-उत्कृष्ट उपलब्धि प्रदान करने वाले संस्था प्रधान/शिक्षक एवं विद्यार्थियों को पुरस्कार इत्यादि इससे पूर्व समयावधि में समाप्त करनी होगी। यदि अपरिहार्य परिस्थितियों में 30 नवम्बर, 2017 तक वार्षिकोत्सव नहीं मनाया जा सके, तो सम्बन्धित जिला शिक्षा अधिकारी से अनुमति प्राप्त कर बाद में भी मनाया जा सकता है। इसके बाद उच्चतम कक्षाओं के संक्षिप्त विदाई समारोह (आशीर्वाद एवं अभिवादन समारोह) ही आयोजित किए जा सकते हैं।
- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर द्वारा संचालित विद्यालय आधारित मूल्यांकन योजना के अन्तर्गत कक्षा 9 एवं 10 के लिए विद्यालय में संचालित साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रवृत्तियों में से एक प्रवृत्ति में प्रत्येक विद्यार्थी को भाग लेना अनिवार्य होगा तथा स्वास्थ्य एवं शारीरिक विकास हेतु सुविधानुसार आयोजित प्रवृत्तियों में से प्रत्येक विद्यार्थी को कम से कम दो प्रवृत्तियों में भाग लेना अनिवार्य होगा।
- समस्त विद्यालयों मे विद्यालय प्रबन्धन समिति (एस.एम.सी.) की कार्यकारिणी समिति की बैठक प्रति माह अमावस्या के दिन आयोजित की जाएगी। सर्व शिक्षा अभियान सामुदायिक गतिशीलता प्रकोष्ठ के प्लान के अनुसार एस.एम.सी. की उक्त बैठकों को समुदाय जागृति दिवस के रूप में मनाया जाए। यदि अमावस्या के दिन विद्यालय में अवकाश हो तो इनका आयोजन अगले कार्य दिवस पर किया जाएगा।
- विद्यालय प्रबंधन समिति के दो दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण माह अगस्त से अक्टूबर के दौरान आयोजित करवाए जाएंगे।
- विद्यालय प्रबंधन समिति की साधारण सभा की प्रत्येक वर्ष जुलाई से मार्च तक तीन बैठकें अर्थात तीन माह में एक बैठक अनिवार्य होगी, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर बैठक अध्यक्ष/सदस्य सचिव द्वारा कभी भी बुलाई जा सकती है ।
- माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में संचालित विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (एस. डी.एम.सी.) की कार्यकारिणी समिति की बैठक भी प्रति माह अमावस्या के दिन ही आयोजित की जाए। यदि अमावस्या के दिन विद्यालय में अवकाश हो तो इनका आयोजन अगले कार्य दिवस पर किया जाएगा।
प्रबोधन एवं प्रबन्धन
- एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली के अन्तर्गत 30 सितम्बर के आधार पर जिले के राजकीय/केन्द्रीय/निजी आदि समस्त विद्यालयों, जिनमें कक्षा 1-12 तक के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, शैक्षिक नियोजन की दृष्टि से उनकी विभिन्न सूचनाएं, यथा विद्यार्थियों/शिक्षकों/ विद्यालयों की श्रेणीवार संख्या आदि सकंलित की जाए। सभी शिक्षक/संस्था प्रधान यू-डाईस सचूना सकंलन प्रपत्र की समय पर पूर्ति सुनिश्चित करे।
- कल्प कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब का रखरखाव विद्यालय को सर्व शिक्षा अभियान से उपलब्ध कराई जा रही स्कूल फेसिलेटी ग्राण्ट/मैन्टीनेन्स ग्राण्ट से विद्यालय द्वारा करवाया जाए एवं लैब को सुरक्षित रखते हुए विद्यालयों में कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों हेतु प्रति सप्ताह अधिकतम दो-दो कालंाश प्रति कक्षा लगवायी जाए एवं विद्यालय में उपलब्ध ई-कन्टेन्ट (विज्ञान, गणित एवं अंग्रेजी) द्वारा सम्बलन प्रदान किया जाए।
उत्सव एवं अवकाश
- प्रत्येक माह में अंकित उत्सव अनिवार्यतः मनाए जाएं।
- उत्सव के दिन रविवार/स्वीकृत अवकाश हो, तो उसे एक दिन पहले/बाद में मनाया जाए। उत्सव के दिन आठों कालांश में षिक्षण कार्य करवाया जाए। उत्सव आयोजन हेतु प्रत्येक कालांश में से 5-5 मिनट अवधि घटाकर आठवें कालांश के पश्चात् शेष रहे समय में उत्सव मनाया जाए।
- 15 अगस्त तथा 26 जनवरी को पूर्ण अवकाश होते हुए भी उत्सव मनाया जाना अनिवार्य है। शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों की स्वयं के विद्यालय में उपस्थिति अनिवार्य है।
- मध्यावधि अवकाश, शीतकालीन अवकाश तथा ग्रीष्मावकाश में विद्यालयों के मंत्रालयिक कर्मचारी केवल राजपत्रित अवकाश का ही उपभोग करेंगे।
- प्रत्येक संस्था प्रधान इस पंचांग में निर्दिष्ट अवकाशों के अतिरिक्त सत्र में दो दिवसों का अवकाश घोषित कर सकते हैं, जिनमें से एक मध्यावधि अवकाश से पहले एवं दूसरा मध्यावधि अवकाश के बाद किया जाए। संस्था प्रधान इसकी सूचना 31 जुलाई, 2017 से पूर्व नियन्त्रण अधिकारी को भेजें। अवकाश हेतु दिवसों का चयन करते समय यह ध्यान रखा जावे कि महत्वपूर्ण विद्यालयी कार्यक्रम अप्रभावित रहें।
- जिला कलक्टर द्वारा घोषित अवकाश सम्बन्धित जिले के विद्यालय में मान्य होंगे।
मूल्यांकन एवं परीक्षा
- समस्त कक्षाओं की परख, अर्द्धवार्षिक, वार्षिक परीक्षा एवं पूरक परीक्षाएं (कक्षा 10 एवं 12 को छोडक़र) इस पंचांग के अनुसार सम्पन्न की जाए तथा परीक्षा परिणामों की घोषणा तथा विद्यार्थियों को प्रगति पत्रों का वितरण 30 अप्रेल, 2018 को अनिवार्य रूप से कर दिया जाए।
- परख अवधि में शाला समय से पूर्व विद्यार्थियों को अगले दिवस परख की तैयारी हेतु छोड़ा जा सकता है, लेकिन कर्मचारी पूरे समय तक उपस्थित रहेंगे।
- सभी स्तर के विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा के लिए क्रमश: एक तथा दो दिवसों का परीक्षा तैयारी अवकाश रहेगा। इन दिनों में विद्यालय खुलेंगे और अध्यापक एवं मंत्रालयिक कर्मचारी परीक्षा के अभिलेख तथा व्यवस्था संबंधित कार्य पूर्ण करेंगे। इस प्रकार का अवकाश रविवार अथवा अन्य राजपत्रित अवकाश छोड़कर किया जाएगा।
- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड़, राजस्थान द्वारा आयोज्य कक्षा 10 एवं 12 की परीक्षा में प्रविष्ट होने वाले विद्यार्थियों हेतु 14 दिवस का परीक्षा पूर्व तैयारी अवकाश रहेगा। उक्त अवधि में विद्यार्थियों हेतु आवश्यकतानुसार विशेष कक्षाओं का आयोजन किया जाए।
- एसआईक्यूई/सीसीई संचालित विद्यालयों में पारम्परिक प्रक्रिया से मूल्यांकन न होकर सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन प्रक्रिया से ही मूल्यांकन किया जाएगा।
- विशेष आवश्यकता वाले बालक-बालिकाओं के नियमित मूल्यांकन प्रक्रिया के संबंध में राजस्थान सरकार, स्कूल शिक्षा विभाग, प्रारंभिक शिक्षा (आयोजना) अनुभाग के परिपत्र क्रमांकः प.14 (3) प्राशि/आयो/2014, जयपुर, दिनांकः 27.10.2014 की पालना की जाए।
पूरक परीक्षा
माध्यमिक शिक्षा के अधीन कक्षा 9 एवं 11 की पूरक परीक्षाओं का आयोजन 5 से 8 मई, 2018 तक किया जाए। परीक्षा परिणाम 9 मई, 2018 को घोषित कर प्रगति पत्र वितरण कर दिये जाएं।
Shivira Panchang 2017-18 : शिक्षण सत्र 2017-18 का शिविरा कैलेण्डर जारी, अब 236 दिन होगी स्कूलों में पढ़ाई
शिक्षा विभाग ने अगले शिक्षण सत्र का शिविरा कैलेण्डर जारी कर दिया है। इसके अनुसार ही सरकारी व गैर-सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण कार्य होगा राज्य के सरकारी व गैर-सरकारी स्कूलों में अगले शिक्षण सत्र 2017-18 (1 जुलाई 2017 से 30 जून 2018 तक) में 236 दिन पढ़ाई होगी।
वहीं 52 रविवार सहित कुल 129 दिन अवकाश रहेगा। इसमें 14- 14 दिन के मध्यावधि व शीतकालीन अवकाश तथा 40 दिन का ग्रीष्मावकाश शामिल है। शिक्षा विभाग ने अगले शिक्षण सत्र का शिविरा कैलेण्डर जारी कर दिया है। इसके अनुसार ही सरकारी व गैर-सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण कार्य होगा। नए सत्र में माध्यमिक कक्षाओं मंे प्रवेश 15 जुलाई तक होगा, जबकि कक्षा 8 तक प्रवेश पूरे सत्र खुले रहेंगे। इस बार 5 साल के बच्चे को पहली कक्षा में प्रवेश दिया जा सकेगा।
शीतकालीन अवकाश 25 दिसम्बर से
कैलेण्डर के अनुसार स्कूलो में ग्रीष्मावकाश 10 मई से 18 जून तक रहेगा। मध्यावधि अवकाश 9 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक रहेगा, जबकि शीतकालीन अवकाश 25 दिसम्बर से 6 जनवरी 2018 तक रहेगा।
शनिवार को श्रमदान
शिविरा कैलेण्डर के अनुसार सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण शिविर शीतकालीन व ग्रीष्मावकाश में लगेंगे। हर शनिवार को बालसभा का आयोजन जरूरी होगा। इसके अलावा संस्था प्रधानों को अगले सत्र में हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए सप्ताह में रोटेशन के अनुसार पुस्तकालय का कालांश निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं। हर माह के अंतिम शनिवार को शिक्षकों व विद्यार्थियों का एक कालांश श्रमदान का भी होगा।
अद्र्ध वार्षिक परीक्षा 11 दिसम्बर से
स्कूलों में प्रथम परख 17 से 19 अगस्त तक तथा द्वितीय परख 26 से 28 अक्टूबर तक होगा। अद्र्धवाषर्र््िाक परीक्षाएं 11 दिसम्बर से 23 दिसम्बर तक तथा तृतीय परख 8 से 10 फरवरी-2018 तक होगा। वार्षिक परीक्षाएं 13 अप्रेल से 25 अप्रेल-2018 तक होंगी। वार्षिक परीक्षाओं का परीक्षा परिणाम 30 अप्रेल को घोषित किया जाएगा। कक्षा 9 व 11 की पूरक परीक्षाएं 5 मई से 8 मई तक होंगी तथा परिणाम 9 मई को घेाषित होगा।
स्कूलों का समय होगा 6 घंटे 5 मिनट
एक पारी विद्यालयों का समय विद्यार्थियों के लिए सुबह 8.05 से 2.10 बजे तक यानी 6 घंटे 5 मिनट का होगा। दो पारी स्कूलों का समय 1 अप्रेल से 30 सितम्बर तक सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा तथा प्रत्येक पारी 5.30 घंटे की होगी, जबकि 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक समय सुबह 7.30 बजे से 5.30 बजे तक का रहेगा तथा प्रत्येक पारी 5 घंटे की होगी।
सह शैक्षिक गतिविधियां
राज्य के सभी सरकारी व गैर-सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूलों में सह शैक्षिक गतिविधियों के तहत चाइल्ड राइट क्लब, वन एवं पर्यावरण क्लब, विज्ञान क्लब तथा रोड सेफ्टी क्लब का गठन अनिवार्य रूप से करने के निर्देश संस्था प्रधानों को दिए गए हैं। सप्ताह में एक बार कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को आयरन की गोली तथा 6 से 12 तक के बच्चों को फोलिक एसिड की एक गोली भोजन के बाद देनी होगी।
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