यहां से पढ़ाई पूरी की है देश के पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी ने
तीन बालिकाओं से हुई थी शुरुआत, आज 1300 लड़कियां हैं यहां कर रही शिक्षा ग्रहण
जयपुर। बालिका शिक्षा में गुलाबी नगरी का कोई मुकालबा नहीं है। आज से 150 साल पहले जब पढ़ाई को कोई गंभीरता से नहीं लेता था, उस समय गुलाबी नगरी में बालिकाओं की शिक्षा के लिए स्कूल खोल दिया गया था। सात मई को छोटी चौपड़ स्थित महाराजा राजकीय बालिका विद्यालय की नींव रखी गई थी। 152 साल का इतिहास समेटे इस स्कूल ने तमात उतार-चढ़ाव देखे हैं। देश की कई नामचीन महिलाओं ने यहां शिक्षा प्राप्त की है। तीन बालिकाओं से शुरू हुआ स्कूल का सफर आज 1300 बालिकाओं तक पहुंच चुका है। यहां कभी देश के पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की पत्नी भी पढ़ती थीं।
सोच बदली तो संख्या बढ़ी
समय के साथ लोगों की सोच बदलती गई और बेटियों को पढ़ाने के लिए इस विद्यालय में भेजने लगे। इस विद्यालय को लेकर जैपर की काफी यादें जुड़ी हुई है। महाराजा बालिका विद्यालय का संचालन 6 मई 1866 से महाराजा सवाई रामसिंह के समय से हो रहा है।
राजस्थान का पहला बालिका विद्यालय
विद्यालय से जुड़े लोगों का दावा है कि राजस्थान का पहला बालिका विद्यालय है उस समय चारदीवारी में गल्र्स एजुकेशन के प्रति लोग जागरुक नहीं थे। लेकिन जैसे ही स्कूल खुला धीरे-धीरे करके स्कूल में लड़कियों की संख्या 4000 तक पहुंच गई । फिर आसपास के इलाकों में गल्र्स स्कूल खुले तो यहां की संख्या में काफी कमी आर्ई।
100 साल पहले की एजुकेशन थी खास
विद्यालय प्राचार्य शशिकला सारस्वत ने बताया कि यह राजस्थान की प्रथम फाईन आर्ट शुरू करने वाला पहला बालिका विद्यालय है। इसके साथ ही ललित कला वर्ग और व्यवसायिक शिक्षा पर भी काफी ध्यान दिया जाता था। समय के साथ शिक्षा में काफी बदलाव आया है। यही नहीं जयपुर का पहला ऐसा विद्यालय जिसका परिक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा ।
यहां शिक्षा ग्रहण करने वाले नामी चेहरे
जानकारी के अनुसार कुछ ऐसे जाने माने चेहरे हंै जो इसी स्कूल के विद्यार्थी रहे। इनमें पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा की पत्नी विमला शर्मा, पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल, अभिनेत्री और सिंगर ईला अरुणा, लेखिका रमा पाण्डे आदि यहीं पढ़ चुकी हैं। इसके साथ ही स्कूल की छात्राएं आज यहां टीचर भी हैं।
152 वर्ष पूरे होने पर होगें रंगारग कार्यक्रम
राजकीय महाराजा बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय का 152वां स्थापना दिवस पर अखिल भारतीय नाटाणी परिवार समिति के तत्वाधान में विद्यालय के सभागार भवन में होगा। प्रिंसीपल शशि कला पारीक ने बताया कि 152वें स्थापना दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम होंगे। नाटाणी परिवार समिति की ओर से शत प्रतिशत परिणाम देने वाले शिक्षकों का सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा कक्षा 10वीं और 12वीं की छात्राओं को 90 प्रतिशत से अंक लाने वाली विद्यालय की छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।