जयपुर। कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को जिला स्कूल सलाहकार एवं निष्पादक समिति की बैठक हुई। इसमें कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन ने शिक्षा विभाग को मनमर्जी की फीस वसूलने वाले निजी स्कूलों पर लगाम लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए एक सप्ताह के भीतर एक टीम गठित करके कार्रवाई करने को कहा गया है।स्कूल सलाहकार समिति की अगली बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ज्यादा फीस लेने के संबंध में प्रकरण तैयार कर समिति के सामने रखने को कहा है। इसके अलावा निजी विद्यालयों के खिलाफ ऐसी शिकायतें जो जिला कलेक्टर कार्यालय को प्राप्त होने के पश्चात शिक्षा विभाग को भेजी जाती है, उनमें भी जिला शिक्षा अधिकारियों को रेण्डम जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में जिला स्कूल सलाहकार समितियों के सदस्यों ने सुझाव दिया कि पांचवीं बोर्ड की परीक्षा के लिए आगे से परीक्षा केन्द्र नजदीकी स्थानों पर बनाए जाएं।
विभिन्न संवीक्षा परीक्षाओं के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित
जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर द्वारा विभिन्न संवीक्षा परीक्षाओं का ऑन लाईन पद्धति से आयोजन 23 से 25 अप्रेल तक होगा। यह परीक्षाएं प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे एवं दोपहर 2 बजे से सांय 4 बजे तक दो सत्रों में आयोजित होगी। जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्टे्रट सिद्धार्थ महाजन ने इन परीक्षाओं के सफल एवं सुचारू संचालन के लिए जिला कलक्टर कार्यालय के कमरा नम्बर 116 में एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना की है। जो 22 अप्रेल को प्रात 10 बजे से 5 बजे तक एवं 23 से 25 अप्रेल तक प्रातः 8 बजे से परीक्षा समाप्ति तक कार्य करेगा। नियंत्रण कक्ष के लिए रितेश शर्मा, प्रोग्रामर को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नम्बर 0141-2206699 होेंगे।
स्कूल-अस्पतालों को दी जमीन किसी अन्य काम ली तो वापस लेगी सरकार
जयपुर। जेडीए जयपुर-जोधपुर और अजमेर विकास प्राधिकरण के अलावा 15 यूआईटी द्वारा अस्पताल, स्कूल आदि संस्थाओं को आबंटित जमीनों के अन्यत्र उपयोग पर नोटिस दिए जाएंगे। दो माह में 18 नगरीय निकाय सर्वे करेंगे और इसके बाद नियम तोड़ने वालों का आबंटन निरस्त तक जमीन वापस अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी। ये निर्देश नगरीय विकास विभाग के एसीएस मुकेश शर्मा ने बुधवार को सभी प्राधिकरणों और यूआईटी अफसरों को दिए। सामने आया है कि कई संस्थाओं के खिलाफ नियम उल्लंघन की कार्रवाई की तो वे कोर्ट में चले गए। इस पर तय हुआ कि नियमानुसार नोटिस देकर कार्रवाई की जाए।