परीक्षाएं खत्म होते ही विद्यार्थियों का होगा अगली कक्षाओं में अस्थाई प्रवेश

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बाड़मेर। परीक्षाओं की समाप्ति के बाद विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में अस्थाई (temporary) प्रवेश देकर नियमित शिक्षण कार्य शुरू करवाया जाएगा। बोर्ड परीक्षाएं होने के बाद विद्यार्थी अस्थाई प्रवेश से अगली कक्षाओं में बैठकर पढ़ना शुरू करेंगे। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल डिडेल ने आदेश जारी किए हैं। आठवीं व दसवीं की परीक्षाओं में शामिल हुए विद्यार्थियों को आगामी कक्षा में अस्थाई प्रवेश परीक्षाओं की समाप्ति के बाद देकर नियमित शिक्षण कार्य शुरू होगा। गत वर्ष मई-जून में राजकीय विद्यालयों में आयोजित प्रवेशोत्सव के अच्छे परिणाम मिले थे। इस वर्ष भी विभाग की ओर से मई-जून में स्कूलों में दो चरणों में प्रवेशोत्सव कार्यक्रम होंगे। राजकीय विद्यालयों में स्थानीय परीक्षा कक्षा एक से 4,6,7, 9 व 11 में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए वार्षिक परीक्षा का आयोजन शिविरा पंचांग के अनुसार 13 से 25 अप्रैल तक किया जाना है। 30 अप्रैल को वार्षिक परीक्षा परिणाम की घोषणा व प्राथमिक कक्षाओं में चतुर्थ योगात्मक आकलन संपन्न होने के बाद 1 मई से नवीन सत्रारंभ होगा। वहीं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर की ओर से सत्र के लिए कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षाएं 27 मार्च को संपन्न हो गई है। 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 2 अप्रैल तक होंगी। कक्षा पांचवीं के विद्यार्थियों के लिए जिला स्तरीय प्राथमिक अधिगम स्तर मूल्यांकन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से 5 से 13 अप्रैल तक किया जाएगा।

14 साल से विद्यालय में स्थाई शिक्षक की नियुक्ति नहीं, एक माह में बदले दस शिक्षक

बायतु। ग्राम पंचायत पूनियों का तला में वर्ष 2004 में स्वीकृत राप्रावि राजोणी सांइयों की ढाणी में आज तक स्थाई शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है। वर्तमान में इस विद्यालय की यह स्थिति है कि यहां पर अकेले मार्च माह में दस से ज्यादा शिक्षकों की ड्यूटी लग चुकी है। प्रत्येक तीसरे दिन इस विद्यालय में शिक्षक बदलता है। ग्रामीणों ने विद्यालय में स्थाई शिक्षक लगाने की मांग को लेकर पीईईओ से मिले। ग्रामीणों ने बताया कि स्थाई शिक्षक नहीं होने से वर्तमान में विद्यालय में नामांकित 52 बच्चों का भविष्य अधर झूल में है। ग्रामीण बालाराम ने बताया कि विद्यालय खुलने के 14 वर्ष के बाद भी स्थाई शिक्षक नियुक्त नहीं हुआ है। आसपास की तीन किलोमीटर की परिधि में कोई दूसरा विद्यालय नहीं होने के कारण बच्चों को मजबूरन इस विद्यालय में भेजना पड़ रहा है। स्थाई शिक्षक के अभाव में बच्चों की पढाई नहीं हो रही है, जो अध्यापक व्यवस्था में लगाते है, वो कभी कभार आते है। दस माह से पोषाहार सामग्री का भुगतान नहीं मिल रहा है तथा पांच माह से मजदूरी का भुगतान नहीं मिला है। इससे स्कूल में शैक्षणिक कार्य पूरी तरह प्रभावित हो रहा है। कई बार ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों को अवगत करवाया, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे ग्रामीणों में विभाग के प्रति रोष व्याप्त है।