मिड-डे मील में 10 प्रतिशत से ज्यादा नामांकन फर्जी

आधार कार्ड बनने के बाद 11 हजार फर्जी नामांकन निरस्त

बीकानेर। जिले के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना में कक्षा 1 से 8 तक 11 हजार 556  नामांकन फर्जी पाए गए हैं। शिक्षा विभाग के स्तर पर इन सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों का आधार कार्ड बनाकर ऑनलाइन करने से यह स्थिति सामने आई है। अभी तक ८५ प्रतिशत विद्यार्थियों के ही आधार कार्ड बने हैं।

आधार कार्ड बनने से पहले जिले में मिड-डे मील में नामांकित छात्रों की संख्या 2 लाख 3 हजार थी। छात्रों का आधार कार्ड बनने से यह संख्या 1 लाख 91 हजार 442 रह गई है। लगभग पूरे राज्य में मिड-डे मील में 10 प्रतिशत से ज्यादा नामांकन फर्जी माने जा रहे हैं। इन नामांकनों की अंतिम रिपोर्ट 31 मार्च, 2018 तक बनेगी।

आधार के ये भी फायदे

सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्याथियों के आधार कार्ड बनाने से पात्र बच्चों को ही मिड-डे मील योजना का लाभ मिलेगा। इससे दोहरा नामांकन नहीं हो सकेगा और अन्य स्कूलों की बच्चों के नाम भी नहीं लिखे जा सकेंगे।
साथ ही पूरे राज्य में फर्जी मिड-डे मील का राशन और भुगतान उठाने पर अंकुश लग जाएगा और वास्तविक विद्यार्थियों को ही लाभ मिल सकेगा। प्रारंभिक शिक्षा में जिले में 1987 सरकारी स्कूल हैं। आधार कार्ड बनने के बाद इन स्कूलों में कुल रसोइयों की संख्या 3 हजार 712 से घटकर 2 हजार 202 रह गई है।

नामांकन रद्द

जिले में प्रारंभिक शिक्षा से जुड़े सरकारी स्कूलों के 85 फीसदी विद्यार्थियों के आधार कार्ड बना दिए गए हैं। आधार कार्ड बनाने से फर्जी नामांकन रद्द हो गया है। इससे मिड-डे मील में पात्र विद्यार्थियों को ही भोजना मिला है। झूठे नामांकन से फर्जी राशन और राशि उठाने पर अंकुश लगेगा। यह कार्य 31 मार्च तक पूरा होगा।
उमाशंकर किराडू, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक), बीकानेर