ये कैसा विश्वविद्यालय जो स्नातकोत्तर की परीक्षाएं करवाना ही भूल गया

Education Shiksha Vibhag

अलवर की मत्स्य विश्वविद्यालय ने अभी तक स्नातकोत्तर परीक्षाओं की घोषणा तक नहीं की है। जबकि विद्यार्थी समय-सारणी का इंतजार कर रहे हैं

अलवर। राजस्थान के सभी विश्वविद्यालयों ने स्नातकोत्तर की परीक्षाओं का टाइम टेबिल ही घोषित नहीं किया है। स्नातक की परीक्षाएं मार्च माह के अंत में प्रारम्भ होनी है, जबकि स्नातकोत्तर की परीक्षाओं के टाइम टेबिल का कोई अता-पता ही नहीं है। इसे देखकर लगता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन स्नातकोत्तर की परीक्षाएं कराना ही भूल गया है। अलवर जिले के 25 हजार से अधिक युवाओं को स्नातकोत्तर की परीक्षा फार्म भरने का इंतजार है। प्रदेश के अधिकतर विश्वविद्यालयों की ओर से स्नातकोत्तर की परीक्षा टाइम टेबिल घोषित कर दिया है। मार्च माह बीतने की ओर है लेकिन विश्वविद्यालय ने पीजी का परीक्षा टाइम टेबिल घोषित नहीं किया है। मत्स्य विश्वविद्यालय ने पहले ही स्नातक की परीक्षाएं देरी से प्रारम्भ की है।

यह कहते हैं विद्यार्थी

विद्यार्थियों का कहना है कि मत्स्य विश्वविद्यालय पहले की तरह इस वर्ष भी परीक्षाएं देरी से करवा रहा है जिसके कारण हम परेशान हैं। जीडी कॉलेज की छात्रसंघ अध्यक्ष लता भोजवानी के अनुसार प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं समय पर हो रही हैं लेकिन अन्य कामों की तरह हमारी स्नातकोत्तर परीक्षाएं देरी से हो रही हैं। विद्यार्थी संगठन पहले भी कई बार परीक्षाएं समय पर कराने की मांग को लेकर कुलपति को ज्ञापन भी दिए थे लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। छात्र नेता शोएब अख्तर का कहना है कि विश्वविद्यालय की परीक्षाएं देरी से होने के कारण कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को परेशानी होगी। स्नातकोत्तर परीक्षाएं समय पर कराने की मांग को लेकर कुलपति को ज्ञापन दिए जाएंगे। इस मामले में एक शिष्टमंडल जयपुर जाकर राज्यपाल को ज्ञापन देंगे।

यह होगा नुकसान

जिले में स्नातक के बाद स्नातकोत्तर की परीक्षाएं देरी से प्रारम्भ होंगी, जिसमें सबसे बड़ा नुकसान तैयारी पर पड़ेगा। अप्रेल माह से गर्मी तेज होने लगेगी जो मई में और बढ़ जाएगी। इस कारण तेज गर्मी में अधिक देरी तक तैयारी करना मुश्किल हो जाता है। इस प्रकार स्नातकोत्तर की परीक्षाएं देरी से होने के कारण विद्यार्थियों को आगामी कक्षाओं में प्रवेश लेने में समस्या आएगी, जबकि अन्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। यदि यह परीक्षाएं देरी से हो रही हैं तो अगले शिक्षा सत्र की शुरुआत भी देरी से होगी।